ईंट का उपयोग सदियों से मकान के निर्माण के लिए होता आ रहा है। ईंट ये घर के निर्माण के लिए सबसे महत्वपूर्ण सामग्री है जिसके बिना मकान को बनाना अशंभव सा है। एक अच्छे घर का निर्माण अच्छी ईंटो के द्वारा ही हो सकता है और आज के इस आर्टिकल में हम यही जानेंगे की अच्छी ईंट कैसी होती है। ईंट की साइज क्या होती है। ईंट की जाँच कैसे होती है वगेरे।
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किसी भी कंस्ट्रक्शन में माटी मुख्य भूमिका निभाती है। माटी अथवा तो माटी से बने विभिन्न पदार्थो का उपयोग सभी प्रकार के कंस्ट्रक्शन में होता है भले मकान का निर्माण करना हो या तो रोड का, सभी में माटी मुख्य कंस्ट्रक्शन मटेरियल है।
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ईंट का परिचय
ईंट ये माटी में से बनी सामग्री है जिसका उपयोग मकान में फाउंडेशन, दीवाल, कॉलम, बीम, सीढ़ी वगेरे के निर्माण के लिए होता है।
लोड बेअरिंग स्ट्रक्चर में ईंट का उपयोग ऊपर बताये गए मकान के भागों के निर्माण के लिए होता है। वही फ्रेम्ड स्ट्रक्चर में ईंट का उपयोग सिर्फ बीम और कॉलम के बीच की जगह को भरने के लिए होता है।
मकान में ईंट की दीवाल का उपयोग मकान को मजबूती और सुरक्षा प्रदान करने के लिए होता है। क्युकी ईंट Fireproof, weatherproof, और strong होती है।
आज के ज़माने में मकान के निर्माण के लिए विभिन्न प्रकार ईंटो का उपयोग होने लगा है। जो की मकान की शोभा को भी बढ़ाते है। और पहले की तुलना में मजबूत भी हो गयी है। परन्तु इस आर्टिकल में हम सिर्फ ये जानेंगे की किस प्रकार की ईंट का उपयोग माकन के निर्माण में करना चाहिए और ईंट की साइज क्या होती है। ईंट के प्रकार के बारे में हम दूसरे आर्टिकल में जानेंगे।
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ईंट कैसी होनी चाहिए?
ईंट की quality विभिन्न प्रकार के गुणधर्मो पर निर्भर रहती है। जैसे की किस प्रकार की ईंट है, ईंट को कैसे बनाया गया है, वगेरे। परन्तु ईंट की गुणवत्ता को जांचने के लिए हमें कुछ बातो का ध्यान रखना होता है जिसे हमने निचे बताया है।
- ईंट का आकार लंबचोरस होना चाहिए।
- ईंट की सपाटी (Surface) एकदम बराबर (Plain) होनी चाहिए।
- ईंट की धार एकदम तीक्ष्णा होनी चाहिए।
- ईंट का रंग ब्रॉउन अथवा तो मरून होना चाहिए।
- ईंट की साइज इंडियन स्टैण्डर्ड के हिसाब से होना चाहिए।
- ईंट को 1m ऊंचाई से निचे जमीन पर फेंकने पर ईंट टूटनी नहीं चाहिए।
- दो ईंटो की सपाटी को एकदूसरे के साथ घसने पर मेटालिक साउंड (Ringing Sound) आना चाहिए।
- ईंट की सपाटी (Surface) के ऊपर नाख़ून मारने पर ईंट पर निशान नहीं पड़ना चाहिए।
- ईंट की लंबाई वाले भाग पर Frog होना चाहिए है।
- ईंट में किसी भी प्रकार की Cracks नहीं होनी चाहिए।
- ईंट, कच्ची अथवा तो टेढ़ी मेड़ी नहीं होनी चाहिए।
- ईंट को एकदिन तक पानी में डूबा कर रखने पर ईंट 20% से ज्यादा पानी को सोखना नहीं चाहिए।
- ईंट को एकदिन बाद पानी मे से निकालने पर उसपर सफ़ेद दाग या तो सफ़ेद पाउडर नहीं होना चाहिए।
अगर ऊपर बताई गयी प्रॉब्लम आपकी ईंट में नहीं है तो आपकी ईंट अच्छी है उसका प्रयोग आप मकान के निर्माण में कर सकते हो।
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ईंट की साइज
भारत में निचे बताई गयी साइज की ईंटो का प्रयोग होता है।
- Modular Brick
- Non-Modular Brick
- English Brick
- Conventional Brick
Modular Brick
मॉडुलर ईंट की साइज 190mm x 90mm x 90mm होती है। इसे ईंट की स्टैण्डर्ड साइज (Standard Size) भी कहते है।
Non-Modular Brick
इस प्रकार के ईंट की साइज 230mm x 110mm x 70mm होती है। ये ईंट ज्यादा उपयोग नहीं की जाती है।
English Brick
English Brick की साइज 230mm x 115mm x 75mm होती है। ये ईंट भारत में ज्यादातर उपयोग की जाती है।
Conventional Brick
इस प्रकार के ईंट की साइज 230 x 110 x 110 mm होती है। ये ईंट भी भारत में मकानों क निर्माण के लिए बहुत उपयोग की जाती है।
अन्य देशों में ईंट की साइज
Country | Size |
---|---|
Australia | 230 x 110 x 76 mm |
China | 240 x 155 x 53 mm |
Denmark | 228 x 108 x 54 mm |
Germany | 240 x 115 x 71 mm |
Japan | 210 x 100 x 60 mm |
Romania | 240 x 115 x 63 mm |
Russia | 250 x 120 x 62 mm |
South Africa | 222 x 106 x 73 mm |
Sweden | 250 x 120 x 62 mm |
United Kingdom | 215 x 102.5 x 62 mm |
United States | 194 x 92 x 57 mm |
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