यह आर्टिकल वाढवण बंदरगाह के बारे में है जो की कुछ ही समयों में भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह होगा। इस आर्टिकल में आप Vadhvan Port से जुड़े सभी जानकारी जैसे की प्रोजेक्ट की कॉस्ट, स्पेशल फीचर्स, लोकेशन, और किस तरह यह भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में मदद करेगा वो सभी डिटेल्स हमने संछिप्त में बताया है।
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India’s Largest Port – Vadhvan Port
जून 2024 में भारत की सरकार भारतीय जनता पार्टी की कैबिनेट मिनिस्ट्री ने वाढवण पोर्ट प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी जो की 2030 तक बन के खड़ा हो जायेगा। यह बंदरगाह महाराष्ट्र के पालघर जिल्ले के धानु में स्तिथ वाढवण जगह पर बनेगा जो की मुंबई से मात्र 140 KM की दुरी पर होगा। वाढवण बंदरगाह भारत का 13 वां वही महाराष्ट्र राज्य का तीसरा बंदरगाह होगा।
Key Details
- Total Estimated Cost: Rs. 76,220 crore
- Capacity: 298 million metric tons (MMT) per annum
- Owner: Jawaharlal Nehru Port Authority (JNPA)
- Techno-Economic Feasibility Report Preparer: AECOM India
- Detailed Project Report Preparer: AECOM – Pentacle JV
- Environmental Consultant: Enkay Enviro Services Pvt. Ltd
वाढवण बंदरगाह की खास बातें।
- वाढवण बंदरगाह भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह होगा वही यह बंदरगाह दुनिया के दस सबसे बड़े बंदरगाह में से एक होगा। इस बंदरगाह की हैंडलिंग कैपेसिटी 23.2 मिलियन TEU होगी।
- यह बंदरगाह मुंबई पोर्ट से 140 किलोमीटर की दुरी पर वही सूरत पोर्ट से 180 किलोमीटर की दुरी पर होगा। यह बंदरगाह मुंबई वड़ोदरा एक्सप्रेसवे तथा मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से काफी नजदीक में होगा।
- Vadhvan Port को धानु, पालघर में बनाने की खास वजह यह है की इस जगह पर समुन्द्र में मिलने वाली नेचुरल ड्राफ्ट भारत के सभी बंदरगाहों में सबसे गहरी है। यहाँ पर 20 मीटर गहरी नेचुरल ड्राफ्ट मिलेगी जिसके वजह से और गहरी तथा बड़ी जहाजों के साथ ट्रेड होने में आसानी। होगी
- ड्राफ्ट का मतलब समुन्द्र में पानी की सतत से जहाज अथवा वेसल के सबसे निचले सतह तक की ऊंचाई।
- यह बंदरगाह का कंस्ट्रक्शन 2030 तक पूरा हो जायेगा वही इसको बनाने में लगभग में 76,220 करोड़ का कंस्ट्रक्शन कॉस्ट आएगा।
- यह बंदरगाह, मिडिल ईस्ट के देश, यूरोप, अमेरिका, तथा अफ्रीका जैसे देशों से व्यापार को स्तापित तथा गति प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- Vadhvan Port में चार लिक्विड बर्थ, एक रो रो बर्थ, एक स्मॉल क्राफ्ट बर्थ, कोस्ट गार्ड बर्थ तथा रेलवे टर्मिनल होगा। इस परियोजना में समुद्र में 1,448 हेक्टेयर क्षेत्र का पुनर्निर्माण और 10.14 किमी लंबी अपतटीय ब्रेकवाटर और कंटेनर/कार्गो भंडारण क्षेत्रों का निर्माण शामिल है।
- यह प्रोजेक्ट PM गति शक्ति तथा सागरमाला योजना का एक पार्ट है जिसका मुख्य उदेश्य देश की इकनोमिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है। वही इस प्रोजेक्ट के शुरू होते ही 12 लाख लोगों को रोजगार का सुनहरा मौका मिलेगा।
Vadhvan Port Map
वाढवण पोर्ट के फायदे
- समुद्र तट से 10 किमी की दूरी पर 20 मीटर की प्राकृतिक जल गहराई उपलब्ध है, और 15 मीटर का कंटूर 6 किमी की दूरी पर उपलब्ध है, जो नई पीढ़ी के जहाजों के लिए सुरक्षित यात्रा और मूरिंग की अनुमति देता है।
- नेविगेशनल चैनल और बंदरगाह क्षेत्र में किसी भी प्रकार की पूंजीगत ड्रेजिंग की आवश्यकता नहीं है क्योंकि 18 मीटर का ड्राफ्ट स्वाभाविक रूप से उपलब्ध है।
- 1,473 हेक्टेयर (3,639.86 एकड़) भूमि को पुनः प्राप्त किया जाएगा और 571 हेक्टेयर (1,410.97 एकड़) भूमि, जिसमें निजी, आदिवासी, वन और सरकारी भूमि शामिल है, को रेल और सड़क कनेक्टिविटी के लिए अधिग्रहित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, बंदरगाह से संबंधित सुविधाओं के लिए 1,000 हेक्टेयर सरकारी भूमि उपलब्ध होगी।
- मुंबई-दिल्ली पश्चिमी रेलवे लाइन को केवल 12 किमी की दूरी पर जोड़ा जा सकता है; समतल भूभाग है और कोई प्राकृतिक अवरोध नहीं है।
- मुंबई से दिल्ली के लिए NH-8 लगभग 34 किमी की दूरी पर है और मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेसवे केवल 18 किमी की दूरी पर है; इन्हें समर्पित रेल और सड़क मार्ग से बंदरगाह से जोड़ा जाएगा।
- वधावन पोर्ट 2035 में 15 मिलियन टीईयू की कंटेनर क्षमता जोड़ेगा, जो 2040 तक बढ़कर 23.9 मिलियन टीईयू हो जाएगी।
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