Skip to content

बरसात में घर बनवाते समय किन बातों का ध्यान रखें।

नमस्कार दोस्तों, आप सभी का फिर से स्वागत है एक नए लेख में। आज के इस लेख में हम यह जानेंगे की बरसात के समय घर बनवाते समय कोन कौन सी तकलीफ आती है। और इन तकलीफो से कैसे निपटा जाये।

तो चलिए स्टार्ट करते है। पर यह जानकारी बताने से पहले एक बात और बोलूंगा की अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगे तो प्लीज कमेंट करें और अपने दोस्तों के साथ जरू शेयर करे।

बारिश के मौसम में घर बनाना यह एक बहुत ही चल्लेंजिंग (Challenging) टास्क होता है। बहुत से करने के कारन लोगो को बरसात में घर बनवाना पड़ता है। लेकिन उन्हें घर के कंस्ट्रक्शन में बरसात के कारन होने वाली ख़राब असर तथा नुक्शानो के बारे में नहीं पता होता है।

1. कंक्रीट सरफेस पर एक्स्ट्रा पानी भर जाना

rain during concreting work

बरसात के मौसम में कंक्रीटिंग करते समय अक्सर यह समस्या कड़ी हो जाती के कंक्रीटिंग के समय बारिश होने के कारन एक्स्ट्रा पानी कंक्रीट की सरफेस पर आ जाता है जो की धीरे धीरे कंक्रीट के साथ मिलने लगता है। जिससे कंक्रीट की गुणवत्ता (Quality) बिगड़ती है। और बहुत बार तो कंक्रीट खराब हो जाता है।

कंक्रीट में पानी का ज्यादा उपयोग करने अथवा तो होने के कारन कंक्रीट छिद्रालु (Porous) बनता है। जिससे कुछ समय के बाद कंक्रीट में लीकेज की समस्या भी पैदा होती है।

इसलिए इस मौसम में कंक्रीटिंग करते समय बरसात आने पर तुरंत ही कंक्रीटिंग काम को बंद कर देना चाहिए और किये हुए कंक्रीट काम को तारपोलिन शीट्स (Tarpaulin Sheets) से ढख देना चाहिए। जिससे कंक्रीट की गुणवत्ता बानी रहे।

और पढ़े : टाइल्स स्टीकर्स क्या होता है। कैसे लगाते हैं। फायदे और नुकसान।

2. बारिश के कारन होने वाले कीचड़ से एक्सीडेंट होने की संभावना

mud on construction site

बारिश होने के कारन जगहों जगहों पर कीचड़ अथवा तो गढ़े बन जाते है। जिससे बहुत बार लोगो को फिसलने के कारन शारीरिक नुकशान होता है। और यह घटना अक्सर सभी कन्स्ट्रक्शन साइट पर बरसात के मौसम में होती है।

इसलिए इस मौसम में चलने के लिए लकड़ी के पाटियों का उपयोग करना चाइये। कीचड़ भरी जगहों पर लकड़ी के पाटियों के ऊपर से ही चलना चाहिए जिससे फिसलने की संभावना कम हो जाती है।

और पढ़े : ईंट कैसी होनी चाहिए। ईंट की साइज क्या होती है

3. मकान बनाने वाली मटेरियल को सुखी तथा साफ़ जगहों पर संग्रह करना

material storage at site

अक्सर कंस्ट्रक्शन साइट पर इंजीनियर बरसात के समय में यह भूल जरूर करते है की वह सीमेंट को अच्छे तथा साफ़ जगहों पर संग्रह करते है परन्तु रेती, ईंट अथवा तो कपची को खुले में ही छोड़ देते है।

जिससे बारिश होने के कारन यह मैटेरियल्स पानी को सोख (Absorb) लेते है। पानी के कारन रेती का बल्किंग होता है। जिसके कारन कंक्रीट में सेग्रीगेशन तथा होनेकॉम्बिंग (Segregation and Honeycombing) जैसी समस्याएं पैदा होती है। जो की घर की मजबूती के लिए बहुत नुकशान कारक है।

इसलिए कंस्ट्रक्शन साइट पर पहले से ही सभी मटेरियल को संग्रह करने की सुविधा बनानी चाहिए जिससे बारिश होने पर मटेरियल तथा घर की गुणवत्ता बानी रहे।

और पढ़े : ग्रीन बिल्डिंग क्या है। भारत के टॉप 5 ग्रीन बिल्डिंग्स

4. इलेक्ट्रिक उपकरणों को खुली तथा पानी वाली जगहों से दूर रखना

बारिश में बहुत बार इलेक्ट्रिक करंट लगने के कारन बहुत से हादसे होते है। जिसमे अक्सर यह पाया जाता है की कंस्ट्रक्शन वर्कर अथवा तो इंजीनियर इलेक्ट्रिक उपकरणों को खुले में ही छोड़ देते है। जिससे बरसात होने पर पानी इलेक्ट्रिक उपकरणों के सम्पर्क में आते ही हादसें हो जाते है।

इसलिए इस मौसम में इलेक्ट्रिक उपकरणों को चालू न छोड़े तथा इन उपकरणों को खुली तथा पानी वाली जगहों से भी दूर रखे।

और पढ़े : वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट कैसे काम करता है | Water Treatment Process

5. अधिक बारिश होने पर कंक्रीटिंग काम न करे

अंततः एक और बताऊ तो अधिक बारिश के समय कंक्रीटिंग काम को टाले। इस दरमियान किसी भी प्रकार का कंक्रीटिंग वर्क न करे।

तो यह थे कुछ समस्या तथा उनके उपाय जो की बरसात के समय घर कंस्ट्रक्शन में आते है। जिनके कारन बहुत सरे नुकशान होते है। कुछ नुकशान ऐसे होते है जो हमें स्पष्ट रूप से दिख जाते है जैसे एक्सीडेंट होना, कंक्रीट तथा अन्य कामो का नुकशान होना।

परन्तु कुछ ऐसे भी नुकशान होते है जो हमें काफी समय के बाद होते है। जैसे की लीकेज का होना जो की कंक्रीट में अधिक पानी का उपयोग करने से होता है। मटेरियल के कारन कंक्रीट का सेग्रीगेशन तथा होनेकॉम्बिंग होना वगेरे।

इसलिए बरसात के मौसम में घर बनवाते समय ऊपर बताये बातों का ध्यान जरूर रखे जिससे एक सुन्दर, मजबूत तथा टिकाऊ घर बनाने में सहायता होगी।

और पढ़े : बाथरूम के सिंक में जमा हो रहे पानी को कैसे दूर करे।