आज के इस आर्टिकल में हम टिहरी बांध यानि की भारत का सबसे ऊँचा बांध के बारे में जानेंगे। इसकी ऊंचाई, लम्बाई कितनी है। ये कहा पर स्तिथ है। टिहरी डैम कोन सी नदी पर बना हुआ है। इस डैम में कितना पानी संग्रह है। और भी टिहरी डैम की विशेषताओ को हम इस आर्टिकल में जानेंगे।
तो चलिए स्टार्ट करते है।
Table of Contents
टिहरी बांध | Tehri Dam in Hindi:
सामान्य विशेषताएँ
टिहरी बांध ये भारत का सबसे ऊँचा बांध है जो की उत्तराखंड के टिहरी गांव में स्तिथ है। टिहरी बांध भगीरथी नदी के उपर बनाया गया है। इसकी उंचाई लगभग 260.5m है। वही इसकी लम्बाई 575m है।
टिहरी डैम भारत का सबसे ऊँचा वही दुनिया का ग्यारवा सबसे ऊँचा बांध है। दुनिया के 15 सबसे ऊँचे बांधो का नाम, ऊंचाई, और जगह निचे टेबल में बताये हुए। है
नाम | ऊंचाई | स्थान | नदी |
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Jinping-I Dam | 305 m | China | Yalong River |
Nurek Dam | 300 m | Tajikistan | Vakhsh River |
Xiaowan Dam | 292 m | China | Lancang River |
Xiluodu Dam | 285.5 m | China | Jinsha River |
Grande Dixence Dam | 285 m | Switzerland | Dixence River |
Yusufeli Dam | 275 m | Turkey | Çoruh River |
Enguri Dam | 271.5 m | Georgia | Enguri River |
Vajont Dam | 261.6 m | Italy | Vajont River |
Nuozhadu Dam | 261.5 m | China | Lancang River |
Manuel Moreno Torres | 261 m | Mexico | Grijalva River |
Tehri Dam | 260.5 m | India | Bhagirathi River |
Mauvoisin Dam | 250 m | Switzerland | Dranse de Bagnes River |
Laxiwa Dam | 250 m | China | Yellow River |
Deriner Dam | 249 m | Turkey | Çoruh River |
Alberto Lleras | 243m | Colombia | Guavio River |
टिहरी बांध का निर्माण 1978 में स्टार्ट हुआ था। ये डैम का सम्पूंर्ण निर्माण 2006 में समाप्त हुआ था। टिहरी बांध को बनने में 28-29 सालो का समय लगा था।
टेक्नीकल विशेषताएँ
टिहरी डैम ये rock and earthfill प्रकार का डैम है। मतलब की टेहरी बांध को बनाने के लिए माटी और पथरो का उपयोग किया गया है। टेहरी बांध के सबसे ऊपर की सतह की चौड़ाई 20m है। तो वही इसके foundation यानि की नीव (आधार अथवा तो बुनियाद) की चौड़ाई 1128m है।
टिहरी डैम का spillway, chute spillway प्रकार का है। यह स्पिलवे radial gates के द्वारा कंट्रोल किये जाते है। इस बांध को maximum 15540cumec ध्यान में लेकर बनाया गया है।
इस बांध की पानी संग्रह करने की छमता 3540Mm3 है। ये बांध पानी को 15540cumec की दर पर निकाल सकता है।
टिहरी बांध गहन भूकम्पीय सक्रियता (Central Himalayan seismic gap) वाले चैत्र में बना हुआ है। इस बांध को 8.4 भूकंप की त्रीवता के हिसाब से design किया गया है।
अन्य विशेषताएँ
टिहरी बांध को भारतीय स्तर पर बहुत से उपयोगो के लिए उपयोग किया जाता है। जैसे की विघुत उत्पादन के लिए, खेती के लिए पानी को संग्रह करने के लिए, पिने के पानी के लिए, बाढ़ को नियंत्रण करने के लिए, वगेर।
टिहरी डैम 270 million gallons पिने के पानी का सप्लाई उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, और दिल्ली को प्रतिदिन करता है।
टिहरी हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट द्वारा 2500MW जीतनी विघुत का उत्पादन होता है जो की निचे बताये हुए है।
- टिहरी बाँध और जल विद्युत इकाई – 1000 मेगावाट
- कोटेशवर जल विद्युत परियजना – 400 मेगावाट
- टिहरी पम्प स्टोरेज परियोजना – 1000 मेगावाट
टिहरी डैम 1000MW जीतनी बिजली का उत्पादन करता है। जो की टिहरी हाइड्रो पावर प्लांट में लगे 4 टरबाइन द्वारा किये जाते है।
इस बांध से उत्पन्न हुयी बिजली को उत्तर प्रदेश, हरयाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, और जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों तक पहुंचाया जाता है।
वही टिहरी बांध में संग्रह हुए पानी को भी बहुत से हेतुओ के लिए इन राज्यों में distribute किया जाता है।
टिहरी डैम का निर्माण THDC (Tehri Hydro Development Corporation) India Limited द्वारा किया गया है।
टिहरी बांध के निर्माण के समय बहुत से विरोध और आंदोलन भी हुए टिहरी विरोध संघर्ष समिति के द्वारा, 75 दिनों तक भूख हड़ताल भी चली थी।
लोगो का मानना है की टिहरी बांध इतना बड़ा बांध है की अगर ये टुटा तो बहुत बड़ी तबाही आ सकती है north region में। ऋषिकेश, हरिद्वार, बिजनौर, मीरुत, बुलंदशहर, हापुड़ जैसे बड़े शहर कुछ ही घंटो में पूरा डूब जायेंगे। इसके टूटने पर 260m ऊंचाई की बाढ़ आने की बह शक्यता है।