Irrigation Enggineering – Hindi Civil https://hindicivil.in Wed, 17 Nov 2021 15:29:22 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 https://i0.wp.com/hindicivil.in/wp-content/uploads/2021/01/cropped-ConstructionHelmet_illustration_UseBackgroundWhite_RGB_0.png?fit=32%2C32&ssl=1 Irrigation Enggineering – Hindi Civil https://hindicivil.in 32 32 188644875 वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट कैसे काम करता है | Water Treatment Process https://hindicivil.in/water-treatment-plant.html Wed, 17 Nov 2021 13:37:34 +0000 https://hindicivil.in/?p=778 Read More »वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट कैसे काम करता है | Water Treatment Process]]> आज के इस आर्टिकल में हम वॉटर ट्रीटमेंट से जुड़ी हुई बातों को जानेंगे की गंदे पानी को किस तरह water treatment plant के द्वारा साफ किया जाता है वाटर ट्रीटमेंट के सभी घटकों का क्या काम होता है। और भी बहुत कुछ तो कृपया इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें और अच्छा लगे तो कमेंट करके फीडबैक जरूर दें।

वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की कार्यप्रणाली को जानने से पहले हम यह समझते हैं कि पानी की ट्रीटमेंट करने की जरूरत क्यों पड़ती है क्यों नदियों तालाब में रहा हुआ पानी पीने लायक नहीं रहा तो चलिए शुरू करते हैं।

पानी उपचार के हेतु | Objects of Water Treatment

कुदरत की तरफ से मिल रहा पानी जैसे कि जमीन में रहा पानी, नदी में बह रहा पानी, तालाब, झील वगेरे में रहे पानी को रो वाटर (raw water) कहते हैं।

इस पानी में विभिन्न प्रकार की अशुद्धियां होती है जैसे कि सस्पेंडेड मैटर, colloidal impurities (कलिल पदार्थ) अथवा तो डिसोल्वेड इम्प्यूरिटी रहती है।

इस प्रकार के अशुद्धियों को दूर करके पानी को योग्य गुणवत्ता प्राप्त करने की रीत को वॉटर ट्रीटमेंट कहते हैं।

पानी को शुद्ध करने का अथवा तो वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के मुख्य उद्देश्यों को हमने नीचे योग्य लिस्ट में बताए हैं।

  1. पानी में तैर रहे कचरे वगैरह को दूर करना।
  2. पानी में रहे हानिकारक पदार्थों तथा जहरीले पदार्थों वगैरह को दूर करना।
  3. पानी में से गंध तथा खराब स्वाद को दूर करना।
  4. पानी में से खुली हुई हानिकारक गैस को दूर करना।
  5. पानी में से बैक्टीरिया, जीवाणु, वायरस वगैरह को दूर करना।
  6. पानी को घर तथा इंडस्ट्रीज में उपयोग किया जा सके ऐसा बनाना।

चलिए जानते हैं वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के विभिन्न भागों के बारे में।

Also Read: टाइल्स स्टीकर्स क्या होता है। कैसे लगाते हैं। फायदे और नुकसान।

वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के भाग | Components of Water treatment plant

वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के विभिन्न प्रकार के भागों को नीचे बताया गया है।

  1. Screening (स्क्रीनिंग)
  2. Plain Sedimentation (प्लेन सेडीमेंटेशन)
  3. Aeration (एरेशन)
  4. Sedimentation with Coagulation (सेडीमेंटेशन विथ कोएगुलेशन)
  5. Filtration (फिल्ट्रेशन)
  6. Disinfection (डिसिनफेक्शन)
  7. Softening (सॉफ्टनिंग)

1. Screening (स्क्रीनिंग)

Screening in wter treatment plant

नदी, तालाब, झील वगैरा के पानी को सबसे पहले स्क्रीनिंग किया जाता है जिसमें पानी में तैर रहे पदार्थ जैसे कि प्लास्टिक बोतल, पेड़ पौधे के भाग, जानवरों के मृत्युदेह, मछलियां वगैरह को दूर किया जाता है।

स्क्रीनिंग यह वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की सबसे पहली प्रक्रिया है जिसमें दो प्रकार की स्क्रीनिंग होती है।

सबसे पहले बार स्क्रीनिंग होती है जिसमें स्टील के पाइप को वर्टिकली 2.5cm के अंतर पर फिट किया होता है। और एक जाली बनाई जाती है जिसमें नदी अथवा तो ताला वगैरह के पानी में बह रहे बड़े-बड़े कचरे फर्स्ट फस जाते हैं। इसे साफ करने के लिए मैकेनिकल क्लीनिंग डिवाइस का उपयोग किया जाता है जो इसी में फिट रहता है कंटीन्यूअसली कचरो को साफ करके साइड के drain में डाल देता है।

पानी को बाहर स्क्रीनिंग में से गुजरने के बाद फाइल स्क्रीनिंग में से गुजारा जाता है जिसमें 6mm साइज की जाली होती है इसमें पानी में रहे सूक्ष्म पदार्थ को दूर किया जात है।

Also Read: घर के सुंदर exterior view के लिए सही पेंट कलर कैसे पसंद करें?

2. Plain Sedimentation (प्लेन सेडीमेंटेशन)

Plain sedimentation tank in water treatment plant

पानी को स्क्रीनिंग करने के बाद पानी को प्लेन सेडिमेंटेशन टैंक में लाया जाता है जिसमें उसे काफी समय तक स्थिर रहने दे जाता है।

प्लेन सेडिमेंटेशन प्रक्रिया में पानी को टैंक में स्थिर होने दिया जाता है जिससे पानी में रहे ज्यादा घंटा वाले पदार्थ ताकि के तल पर बैठ जाते हैं और पानी साफ दिखने लगता है।

3. Aeration (एरेशन)

अरेशन यह एक प्रकार से पानी को नेचुरल साफ होने वाली प्रक्रिया जैसे ही है।

नदी में बह रहा पानी खुले मैदान में बहने के कारण हवा में रही ऑक्सीजन को एक जॉब करता है तथा खुद में रही बिलिंग गैस जैसे कि कार्बन डाई ऑक्साइड, सल्फर ऑक्साइड वगैरह रिलीज करता है इस प्रक्रिया को सेल्फ क्लीनिंग ऑफ वाटर कहते हैं।

अरेशन भी एक प्रकार से यही प्रक्रिया है जिसमें पानी को खुली हवा में ग्रेविटी अरेटर (सीढ़ी की तरह बनाया गया स्ट्रक्चर) के ऊपर बहाकर हवा में रहे ऑक्सीजन को शोषित किया जाता है जिससे पानी में रहे अन्य गैसेस दूर हो जाते हैं।

4. Sedimentation with Coagulation (सेडीमेंटेशन विथ कोएगुलेशन)

Sedimentation with coagulation in water treatment plant

प्लेन सेडिमेंटेशन में पानी में रही विलीन अशुद्धिया, कलिल अशुद्धियां, सूक्ष्म कण वगैरह दूर नहीं होते हैं।

एक रिसर्च से ऐसा पता चलता है कि सूक्ष्म कण जैसे कि 0.06mm साइज के कांप के कण को एक ही हाइट की टंकी के तल में बैठने में जितना समय लगता है उससे 10 गुना ज्यादा समय 0.02mm साइज के कांप के कण को लगता है टंकी के तल में नीचे बैठने में।

इससे यह पता चलता है कि पानी में रही सूक्ष्म अशुद्धियां को दूर करने में बहुत समय की जरूरत पड़ती है साथ ही साथ ज्यादा पानी को संग्रह करने के लिए ज्यादा जगह की भी जरूरत पड़ती है जो कि ज्यादातर संभव नहीं रहती है।

इसलिए पानी में रही सुक्ष्म कण तथा अन्य अशुद्धियों को दूर करने के लिए पानी में रसायन (chemical) डालने में आता है। फिर उसे पानी के साथ बराबर मिलाया जाता है जिससे पानी में रही सूक्ष्म कण रसायन के कणों के साथ इकट्ठे हो जाते हैं मतलब जुड़कर बड़े कण में रूपांतर हो जाते हैं। साथ ही साथ एकत्रित होते समय अन्य अशुद्धियां जैसे कि कालिल अशुद्धियां को भी अपने साथ ले लेते हैं फिर बाद में यह अशुद्धिया धीरे-धीरे टंकी के तल पर बैठ जाती है जिससे पानी जल्द साफ हो जाता है।

इस प्रक्रिया को coagulati प्रक्रिया कहते हैं तथा जो chemical उपयोग किए जाते हैं उसे कोएगुलेंट कहते हैं।

Also Read: ईंट कैसी होनी चाहिए।

5. Filtration (फिल्ट्रेशन)

Filtration in water treatment plant

फिल्ट्रेशन प्रक्रिया में पानी में बच गई सुक्ष्म कण, वायरस, बैक्टीरिया, स्वाद, गंध वगैरह को दूर किया जाता है।

6. Disinfection (डिसइनफेक्शन)

डिसइन्फेक्शन में पानी में रही हुई पथोजेनिक बैक्टीरिया, जर्म्स, माइक्रो ऑर्गेनिजमस, वगैरह को दूर करने में आता है इस प्रक्रिया में पानी में क्लोरीन ऐड किया जाता है जो पानी को लंबे समय तक फ्रेश बनाए रखता है और उसे पीने लायक भी बनाता है।

7. Softening (सॉफ्टनिंग)

पानी में कैल्शियम तथा मैग्नीशियम कार्बोनेट, क्लोराइड्स, सल्फेट वगैरह खुलने के कारण पानी कठोर हो जाता है। पानी के कठोर हो जाने के कारण रसोई स्वादहीन बनती है, कपड़े धोने में साबुन का ज्यादा खर्च होता है, पाइप फिटिंग्स, वाल्व, नल वगैरे पर सफेद पाउडर की परत जम जाने के कारण वह सभी ब्लॉक हो जाते हैं तथा पानी की कठोरता के कारण धातु पर जंग लगता है।

softening प्रोसेस में पानी की कठोरता को दूर किया जाता है।

]]>
778
टिहरी बांध | भारत का सबसे ऊँचा बांध है | Tehri Dam in hindi https://hindicivil.in/tehri-dam-bharat-ka-sabse-uncha-bandh.html Thu, 04 Mar 2021 16:23:39 +0000 http://hindicivil.in/?p=442 Read More »टिहरी बांध | भारत का सबसे ऊँचा बांध है | Tehri Dam in hindi]]> आज के इस आर्टिकल में हम टिहरी बांध यानि की भारत का सबसे ऊँचा बांध के बारे में जानेंगे। इसकी ऊंचाई, लम्बाई कितनी है। ये कहा पर स्तिथ है। टिहरी डैम कोन सी नदी पर बना हुआ है। इस डैम में कितना पानी संग्रह है। और भी टिहरी डैम की विशेषताओ को हम इस आर्टिकल में जानेंगे।

तो चलिए स्टार्ट करते है।

टिहरी बांध | Tehri Dam in Hindi:

सामान्य विशेषताएँ

टिहरी बांध ये भारत का सबसे ऊँचा बांध है जो की उत्तराखंड के टिहरी गांव में स्तिथ है। टिहरी बांध भगीरथी नदी के उपर बनाया गया है। इसकी उंचाई लगभग 260.5m है। वही इसकी लम्बाई 575m है।

टिहरी डैम भारत का सबसे ऊँचा वही दुनिया का ग्यारवा सबसे ऊँचा बांध है। दुनिया के 15 सबसे ऊँचे बांधो का नाम, ऊंचाई, और जगह निचे टेबल में बताये हुए। है

नाम ऊंचाई स्थान नदी
Jinping-I Dam305 mChinaYalong River
Nurek Dam300 mTajikistanVakhsh River
Xiaowan Dam292 mChinaLancang River
Xiluodu Dam285.5 mChinaJinsha River
Grande Dixence Dam285 mSwitzerlandDixence River
Yusufeli Dam275 mTurkeyÇoruh River
Enguri Dam271.5 mGeorgiaEnguri River
Vajont Dam261.6 mItalyVajont River
Nuozhadu Dam261.5 mChinaLancang River
Manuel Moreno Torres261 mMexicoGrijalva River
Tehri Dam260.5 mIndiaBhagirathi River
Mauvoisin Dam250 mSwitzerlandDranse de Bagnes River
Laxiwa Dam250 mChinaYellow River
Deriner Dam249 mTurkeyÇoruh River
Alberto Lleras243mColombiaGuavio River

टिहरी बांध का निर्माण 1978 में स्टार्ट हुआ था। ये डैम का सम्पूंर्ण निर्माण 2006 में समाप्त हुआ था। टिहरी बांध को बनने में 28-29 सालो का समय लगा था।

टेहरी बांध
Ariel view of tehri dam- Hydropower

टेक्नीकल विशेषताएँ

टिहरी डैम ये rock and earthfill प्रकार का डैम है। मतलब की टेहरी बांध को बनाने के लिए माटी और पथरो का उपयोग किया गया है। टेहरी बांध के सबसे ऊपर की सतह की चौड़ाई 20m है। तो वही इसके foundation यानि की नीव (आधार अथवा तो बुनियाद) की चौड़ाई 1128m है।

टिहरी डैम का spillway, chute spillway प्रकार का है। यह स्पिलवे radial gates के द्वारा कंट्रोल किये जाते है। इस बांध को maximum 15540cumec ध्यान में लेकर बनाया गया है।

इस बांध की पानी संग्रह करने की छमता 3540Mm3 है। ये बांध पानी को 15540cumec की दर पर निकाल सकता है।

टिहरी बांध गहन भूकम्पीय सक्रियता (Central Himalayan seismic gap) वाले चैत्र में बना हुआ है। इस बांध को 8.4 भूकंप की त्रीवता के हिसाब से design किया गया है।

अन्य विशेषताएँ

टिहरी बांध को भारतीय स्तर पर बहुत से उपयोगो के लिए उपयोग किया जाता है। जैसे की विघुत उत्पादन के लिए, खेती के लिए पानी को संग्रह करने के लिए, पिने के पानी के लिए, बाढ़ को नियंत्रण करने के लिए, वगेर।

टिहरी डैम 270 million gallons पिने के पानी का सप्लाई उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, और दिल्ली को प्रतिदिन करता है।

टिहरी हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट द्वारा 2500MW जीतनी विघुत का उत्पादन होता है जो की निचे बताये हुए है।

  • टिहरी बाँध और जल विद्युत इकाई – 1000 मेगावाट
  • कोटेशवर जल विद्युत परियजना – 400 मेगावाट
  • टिहरी पम्प स्टोरेज परियोजना – 1000 मेगावाट

टिहरी डैम 1000MW जीतनी बिजली का उत्पादन करता है। जो की टिहरी हाइड्रो पावर प्लांट में लगे 4 टरबाइन द्वारा किये जाते है।

इस बांध से उत्पन्न हुयी बिजली को उत्तर प्रदेश, हरयाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, और जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों तक पहुंचाया जाता है।

वही टिहरी बांध में संग्रह हुए पानी को भी बहुत से हेतुओ के लिए इन राज्यों में distribute किया जाता है।

टिहरी डैम का निर्माण THDC (Tehri Hydro Development Corporation) India Limited द्वारा किया गया है।

टिहरी बांध के निर्माण के समय बहुत से विरोध और आंदोलन भी हुए टिहरी विरोध संघर्ष समिति के द्वारा, 75 दिनों तक भूख हड़ताल भी चली थी।

लोगो का मानना है की टिहरी बांध इतना बड़ा बांध है की अगर ये टुटा तो बहुत बड़ी तबाही आ सकती है north region में। ऋषिकेश, हरिद्वार, बिजनौर, मीरुत, बुलंदशहर, हापुड़ जैसे बड़े शहर कुछ ही घंटो में पूरा डूब जायेंगे। इसके टूटने पर 260m ऊंचाई की बाढ़ आने की बह शक्यता है।

]]>
442
Solar Power Irrigation System in Hindi https://hindicivil.in/solar-power-irrigation-system-in-hindi.html Sat, 09 Jan 2021 09:58:00 +0000 Read More »Solar Power Irrigation System in Hindi]]> नमस्कार दोस्तों ,

आज के आर्टिकल में जानेंगे की solar power irrigation system क्या होता है। ये कैसे काम करता है। कौन कौन से भागों का समावेश होता है। solar power irrigation system के advantages क्या है। और बहुत कुछ। तो पूरा आर्टिकल अन्तः तक पड़े।

Solar Power Irrigation System क्या होता है?

सोलर पावर इरीगेशन सिस्टम क्या होता है उसे जानने से पहले हम ये जान लेते है की actually सोलर पावर क्या है।

solar power irrigation system in Hindi
Source: electronicsforu.com

सोलर पावर क्या है ?

सोलर पावर का मतलब होता है सूर्य से उत्पन्न होने वाली विघुत ऊर्जा। जिसे solar plate यानि की फोटोवोलटिक प्लेट्स का उपयोग करके genrate की जाती है।

बहुत सारी solar cells को जोड़कर एक बड़ी सोलर प्लेट बनायीं जाती है जिसे सोलर arrays कहते है।

सोलर पावर को उतपन्न करने के लिए बहुत सारी सोलर arrays को open sky में arrange करके विघुत उतपन्न की जाती है। इस विघुत को बहुत उपयोगो के लिए उपयोग कर सकते है। जैसे घरो में इलेक्ट्रिसिटी के लिए, मशीनरी को  चलाने के लिए, कारखानों में विघुत की कमी  करने के लिए , अऊर भी उपयोगो के लिए सोलर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है।

इसी तरह सोलर पावर का उपयोग सिंचाई करने के लिए भी होता है।

सोलर पावर का उपयोग विविध सिंचाई पद्धतियों में करके पेड़, पौधों की सिंचाई बहुत तेजी से , कही पर भी, कर सकते है।  जिसे Solar Power Irrigation system कहते है। 

इस सिस्टम में हम सूर्य ऊर्जा का उपयोग जमींन से पानी निकलने के लिए करते है जिसे हम टंकी में संग्रह करके अथवा तो directly खेतो में सिंचाई के लिए करते है।

सूर्य ऊर्जा का irrigation में और भी तरीको से उपयोग किया जाता है। जिस पर अभी भी रिसर्च चल रही है क्युकी वो techniques इतनी efficient अथवा तो कारगर नहीं होती है।

परन्तु सूर्य ऊर्जा का उपयोग पानी को जमीन में से pumped करने के लिए ज्यादा उपयोग किया जाता है। ये बहुत सस्ती है और इस सिस्टम को बहुत सरलता से setup किया जा सकता है।

Also Read: What is Irrigation in Hindi || Irrigation क्या होता है

Solar Power Irrigation System में कौन से भागों  का समावेश होता है। 

सोलर पावर इरीगेशन सिस्टम में निचे दिए गए हुए भागो का समावेश होता है।
  1. Solar Panels
  2. Motor Pump
  3. Inverter

1. Solar Panels :

सोलर पैनल्स का उपयोग सूर्य ऊर्जा का उपयोग करके विघुत उतपन्न करना होता है। जिससे हम motor को चला सके।  जो की हमें free of cost विघुत देता है।

2. Motor Pump :

Motor Pump का उपयोग जमीन में से पानी निकालकर उसे टंकी में सँग्रह  अथवा तो डायरेक्टली सिंचाई के लिए पानी पहुंचने के लिए होता है।

3. Inverter :

सूर्य ऊर्जा द्वारा उत्पन्न हो रही ऊर्जा DC Current में होती है। Inverter का उपयोग DC Current को AC Current  में बदलने के लिए होता है।  जिससे मोटर चल सके, क्युकी मोटर AC current के हिसाब से बनायीं जाती है।

Solar Power Irrigation System के फायदे :

  • सोलर पावर इरीगेशन सिस्टम द्वारा सुनसान जगहों पर सिंचाई करना संभव हुआ है।
  • इलेक्ट्रिसिटी फ्री में उतपन्न होती है जिससे हमें कोई electricity bill नहीं भरना पड़ता है।
  • हमें मोटर अथवा तो जनरेटर को  किसी भी प्रकार की Fuel की जरूरत नहीं पड़ती है।
  • Enviornment फ्रेंडली है।
  • ज्यादा समय तक चलती है।
  • solar power irrigation system को चलाना बहुत सरल है।
  • योग्य सिंचाई पद्धति में सूर्य ऊर्जा का उपयोग करके तेजी से efficiently सिंचाई कर सकते है।
]]>
128 20.593684 78.96288 20.593684 78.96288
What is Irrigation in Hindi || Irrigation क्या होता है https://hindicivil.in/what-is-irrigation-in-hindi.html Wed, 30 Dec 2020 14:00:00 +0000 Read More »What is Irrigation in Hindi || Irrigation क्या होता है]]> इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे की irrigation की होता है। इरीगेशन की जरुरत क्यों पड़ती है।  irrigation से क्या फायदे होते है। तो पूरा आर्टिकल अं त तक पड़े, अगर आर्टिकल अच्छा लगे तो अपने फ्रेंड्स, रिस्तेदारो को शेयर करे और अगर अच्छा न लगे तो हमें कमेंट करे।

irrigation in hindi

Irrigation क्या होता है। 

  • irrigation का हिंदी में मतलब होता है सिंचाई।
  • इरीगेशन की व्याख्या को जानने से पहले हम इरीगेशन के बेसिक नॉलेज को समझते है।
  • पृथ्वी पर इंसानो की तरह पेड़ पौधो को भी पानी की जरूरत पड़ती है।  क्युकी पेड़ पौधे सजीव होते है। पानी की जरूरत सभी पेड़ पौधो में समय और प्रकार के अनुसार बदलती रहती है। पेड़ पौधे की पानी की जरूरत बरसात द्वारा पूरी होती है।  वो कैसे उसे समझते है।
  • बरसात के मौषम में बरसाती पानी पेड़ पौधे और फसल की सिंचाई के लिए पानी की जरूरत को पूरा कर देता है।  और बचा हुआ बरसात का पानी जमीन द्वारा शोषण करने पर जमीन के अंदर दाखल होते है और भूगर्भ जल में जाकर मिल जाते है।  जिससे भूगर्भ जल का लेवल भी बढ़ता है।
  • यह भूगर्भ जल, गर्मी और ठंडी के मौसम में पेड़ पौधे और फसल की सिंचाई के लिए पानी की जरूरत को पूरा करते है।  जिससे पेड़ पौधे और फसल की पानी की जरूरत पुरे वर्ष संपूर्ण रहती है।  पर,
  • बरसात के अनियमित होने के कारण, पेड़, पौधे,और फसल की सिंचाई के लिए पानी की जरूरत पूरी नहीं हो पाती है जिससे पेड़,पौधे, और फसल को काफी नुक्सान होता है। परन्तु,
  • मनुष्य द्वारा बनायीं गयी तकनीकों से हम कम समय में होने वाले ज्यादा बरसात के पानी को डैम में संग्रह करके, पानी की कमी के दिनों में डैम मे स्टोर किये हुए पानी को नहेरो द्वारा सप्लाई देकर पेड़ पौधे और फसल की सिंचाई के लिए पानी की जरूरत को पूरा कर सकते है।
  • इस स्टोर किये हुए पानी को, पानी के कमी के दिनों में नहेरो द्वारा सप्लाई देकर पेड़ पौधे और फसल की सिंचाई के लिए पानी की जरूरत को पूरा करने की पद्धति को irrigation कहते है।
  • अगर technically इस व्याख्यायित कर तो  वो ऐसी होगी।

पेड़ पौधे और फसल की  सिचांई के लिए पानी की जरूरत को समझकर योग्य समय अंतर पर पेड़ पौधे और फसल के लिए पानी की जरूरत अनुसार पानी देने की प्रोसेस को Irrigation कहेंगे।

Irrigation सिस्टम की जरूरत कब पड़ती है? 

अगर आपने ऊपर के पैराग्राफ़ को पड़े होंगे तो आप समाज गए होंगे की इरीगेशन सिस्टम की जरूरत कब पड़ती है। पर नहीं तो निचे सरल भासा में बताया गया है।
बरसात की अनियमिता के कारण इरीगेशन सिस्टम की जरूरत पड़ती है जिसमे कम समय में होने वाली ज्यादा बरसात के पानी को डैम में संग्रह करके पानी के आकाल के समय में फसल की सिंचाई के लिए पानी की जरूरत को पूरा किया जाता है।
फसल की सिंचाई के एडवांस्ड इरीगेशन सिस्टम का भी उपयोग होता है जैसे की drip irrigation, sprinkler irrigation, जैसे पद्धतियो का उपयोग करके बहुत effective  तरीके से पानी की जरूरत को पूरा किया जा सकता है जिससे पानी की बचत भी होती है।

Irrigation System के फायदे :

  • Advanced irrigation system का उपयोग करके हम फसल के उत्पादन को बड़ा सकते है जिससे अनाज का उत्पादन बढ़ता है।
  • Irrigation  की विविध पद्धतियों का उपयोग करके हम फसल की सिंचाई के लिए फसल की पानी के जरूरत अनुसार पानी दे सकते है।  जिससे पानी की बचत होती है।
  • Irrigation पद्धितियो का उपयोग करने से देश की समृद्धि में बढ़ोतरी होती है। जिससे देश का विकास तेजी से होता है।
  • डैम द्वारा हम जलविघुत का उत्पादन कर सकते है।  जो की अन्य विघुत की तुलना में काफी सस्ती होती है।
  • Irrigation मे कंस्ट्रक्ट होने वाले canals के आजुबाजु के embankment को हम रोड की तरह उपयोग कर सकते है।
  • canals के आजुबाजु पेड़ो को उगाकर प्रदूषण को कम कर सकते है।
और पड़े :
]]>
129 20.593684 78.96288 20.593684 78.96288